गीता पुरुषार्थ का संदेश देती है, पलायन का नहीं
इंदौर। हमारे जीवन में भी अनेक कुरुक्षेत्र बनते और बिगड़ते हैं, लेकिन गीता के संदेश हमें कर्मयोगी बनाने की ओर प्रवृत्त करते हैं। जीवन को गीता का साधक बनाकर अनुशासित ढंग से जीने की पद्धति तभी मिल सकती है, जब हम अपने अहम का विसर्जन कर अपनी भक्ति साधना में परम सत्ता के प्रति समर्पण का भाव रखेंगे। समाज औ…