गीता ज्ञान का प्रसार जितना होगा उतना ही समाज समृद्ध होगा

इंदौर। जो व्यक्ति गीता ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करता है, वह पुण्यशाली बनता है। गीता ज्ञान का प्रसार जितना होगा उतना ही समाज समृद्ध होगा। भगवान ने गीता में कहा है कि जो गीता के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाएगा, वह मेरा प्रिय होगा। गीता ज्ञान का श्रवण कर स्वयं और इसका प्रचार कर दूसरों का भी कल्याण करें। गीता व्यक्ति के विषादों को हर लेती है।
यह बात महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद महाराज ने सोमवार को अग्रसेन धाम फूटी कोठी पर कही। वे रिद्धि-सिद्धि न्यास ट्रस्ट द्वारा आयोजित २२वें गीता जयंती महोत्सव में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भागवत कृपा से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। अपने वास्तविक चरित्र को पहचानना गीता से ही संभव है। गोधरा से आई परमानंदा सरस्वती ने कहा कि गीता श्रेष्ठ मार्गदर्शन देती है। जब समस्या का समाधान न सूझे तो गीता की शरण में चले जाएं। गीता के गुणों का अनुसरण कर मनुष्य अपने व्यक्तित्व को दिव्य बना सकता है। इस मौके पर योगाचार्य महावीर, स्वामी केशवानंद, डॉ. पुष्पारानी गर्ग ने संबोधित किया। संतों का स्वागत शारद गुप्ता, सिद्धांत अग्रवाल, कमल मोदी, श्याम चक्रधर ने किया। अध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि प्रवचन १२ दिसंबर तक सुबह ९.३० से १२.३० बजे तक और शाम को ३.३० से ६.३० बजे तक होंगे। संचालन डॉ. राजाराम गुप्ता ने किया।